Monday, June 25, 2012
जय बाबा बर्फानी के उदघोष में रवाना हुए श्रद्धालु
जय बाबा बर्फानी के उदघोष में रवाना हुए श्रद्धालु
26/11 : आतंकियों का हैंडलर गिरफ्तार
26/11 : आतंकियों का हैंडलर गिरफ्तार
Updated on: Mon, 25 Jun 2012 12:14 PM (IST)
26/11 : आतंकियों का हैंडलर गिरफ्तार
नई दिल्ली। मुंबई पर हुए 26/11 हमले का मुख्य आरोपी अबू हमजा भारत के कब्जे में आ गया है। उसे दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया। खूंखार आतंकवादी और भारत का मोस्ट-वांटेड हमजा उर्फ रियासत अली दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के शिकंजे में तब फंसा, जब वह दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा। यह वही आतंकी है जो मुंबई हमले के दौरान भारत में घुसे आतंकियों को फोन पर निर्देश दे रहा था। हमजा ने इस पूरे हमले को अंजाम देने में अहम किरदार निभाया था। उसके इंडियन मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैबा से सीधे संबंध बताए जाते हैं। हमजा 2006 में भारत छोड़कर पाकिस्तान भाग गया था, जिसके बाद उसने 2008 के मुंबई हमले को अंजाम दिया। मुंबई हमले की योजना बनाने और उसे अंजाम देने वाले कुल छह आतंकियों को बतौर हैंडलर चिन्हित किया गया था, जिसमें हमजा मुख्य है। भारत सहित कई एजेंसियां हमजा का सुराग ढूंढने में जुटी हुई थीं। जून, 2012 में उसके नाम गैर-जमानती वॉरंट जारी किया गया था।
5 जुलाई तक रिमांड पर :
दिल्ली पुलिस को सूचना मिली थी कि हमजा एयरपोर्ट पर आने वाला है। स्पेशल सेल ने ट्रैप लगा दिया और हमजा उसके जाल में आ फंसा। बताया जाता है कि उसके कब्जे से पाकिस्तानी पासपोर्ट और कुछ अन्य अहम दस्तावेज बरामद हुए हैं। स्पेशल सेल ने उसे दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में चीफ मेट्रोपॉलिटन मैजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया। अदालत ने स्पेशल सेल को 5 जुलाई तक के लिए उसे रिमांड पर दे दिया।
धंस रहे बांध, कटक के 200 गांव खतरे में
धंस रहे बांध, कटक के 200 गांव खतरे में
Updated on: Mon, 25 Jun 2012 02:04 PM (IST)
धंस रहे बांध, कटक के 200 गांव खतरे में
जागरण संवाददाता, कटक :
बीते कुछ दिनों से ओडिशा में रुक-रुक कर लगातार हो रही बारिश से महानदी व काठजोड़ी नदी का पानी रोकने को बने कई बांध धंस रहे हैं। इससे कटक जिले के 200 गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। विडंबना यह कि जिन बांधों की मरम्मत भी की गई, वहां काम काफी घटिया रहा। इसकी वजह से खतरे की आशंका बरकरार है। दूसरी ओर, कटक शहर को सुरक्षित रखने के लिए बनाए गए रिंग बांध की भी हालत खस्ता है। यह भी कई जगह धंस गया है। अब तक इन बांधों की मरम्मत की ओर ध्यान नहीं दिया गया है। बीते साल की तरह यदि इस वर्ष भी महानदी में बाढ़ आई तो आसपास के सैकड़ों गांवों के लोगों की मुसीबत बढ़ सकती है।
कटक जिले के आठगढ़ ब्लॉक की कखड़ी, मंचेश्वर व धुरुषिया पंचायत में तकरीबन सात जगह पर खाई बन गई है, जिसकी अभी तक मरम्मत नहीं की गई है। इससे इन पंचायतों में रहने वाले तकरीबन 15 हजार से अधिक लोग बाढ़ की आशंका से सहमे हुए हैं। इसी तरह बांकी में भी कई जगह पर बांध कमजोर हो गए हैं। सांपुर, कुरुमचइनी, बैदेश्वर, करबर, सुनादेई, चकापाद गांव को लेकर भी खतरे की घंटी बजने लगी है।
गौरतलब है कि डमपड़ा के जातमुडिंया, शिमिलीपुर, बिलपरा एवं पारपुर इलाके के लोग हर साल बाढ़ झेलने को मजबूर होते हैं। इनका दुर्भाग्य ही माना जाएगा जो इन इलाकों को बाढ़ से सुरक्षित करने लिए अभी तक किसी प्रकार की व्यवस्था नहींकी गई है। महानदी एवं इसकी सहायक काठजोड़ी के त्रिकोण में कटक शहर घिरा हुआ है। शहर को इन दो नदियों में आने वाली बाढ़ से बचाने के लिए रिंग बांध का निर्माण किया गया है। मगर इसकी भी मरम्मत नहीं होने से यह कई जगह पर कमजोर हो गया है। वर्ष 2008 में आई बाढ़ के दौरान समीक्षा कर जल सिंचाई विभाग ने सरकार को इस रिंग बांध की मरम्मत करने की अपनी रिपोर्ट में अनुशंसा की थी। सरकार ने मरम्मत कार्य जल्द शुरू करने के लिए 24 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट भी बनाया था। इसका ब्लू प्रिंट भी तैयार किया गया था। मगर यह सभी योजना केवल कागज पर ही रह गई। वर्ष 2007 में भी रिंग बांध मरम्मत के लिए 56 लाख रुपये का प्रोजेक्ट बनाया गया था। यही नहीं, बीड़ानाशी इलाके में कार्य भी शुरू किया गया था। अब यह बात दूसरी है कि वह भी आज भी अधूरा पड़ा है। महानदी से गतिराउतपाटना तक तकरीबन 6 किलीमीटर की दूरी तक बांध कमजोर हो गया है। जिला प्रशासन की तरफ 10 जून तक कमजोर बांधों को मरम्मत करने के लिए निर्देश दिया गया है। हालांकि जिस गति से काम हो रहा, उसे देखकर नहींलगता है कि निर्धारित समय में पूरा हो पाएगा। इस बारे में साउथ डिवीजन के इंजीनियर सुब्रत दास से पूछने पर उन्होंने बताया है कि बांध की मरम्मत का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। अधिकारी संभावित बाढ़ वाले इलाकों में बांध का मुआयना कर रहे हैं। जहां भी नदी बांध कमजोर दिख रहा है, उसकी तुरंत मरम्मत कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि जहां से भी निम्न स्तर का काम होने की शिकायत मिल रही है, उसकी जांच की जाएगी।
हेरा पंचमी के मौके पर इस नीति को देखने के लिए लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ जमा थी।
पुरी : vsk
हेरापंचमी के अवसर पर सोमवार को महालक्ष्मी ने पालकी में श्रीगुंडिचा मंदिर आकर महाप्रभु पर अपना गुस्सा उतारा। पत्नी को साथ न लाकर महाप्रभु जगन्नाथ द्वारा बहन सुभद्रा के साथ रथ यात्रा में जन्म वेदी को निकलने से गुस्से में आई देवी महालक्ष्मी ने नंदी घोष रथ को तोड़कर श्रीमंदिर लौट गई।
परंपरा अनुसार शाम के समय मां लक्ष्मी पालकी में श्रीमंदिर से निकलकर श्रीगुण्डिचा मंदिर पहुंचीं। नंदीघोष रथ के नीचे पति महापात्र सेवायत, महालक्ष्मी की पूर्जा अर्चना किए थे। उसके बाद मां लक्ष्मी नंदीघोष रथ को तोड़ने के लिए एक लकड़ी निकाल दी और सीधे लौटकर हेरागोहिरी साही होते हुए श्रीमंदिर को लौट आई। इसे हेरा पंचमी नीति कहा जाता है।
हेरा पंचमी के मौके पर इस नीति को देखने के लिए लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ जमा थी। पुलिस प्रशासन की तरफ शांति श्रृंखला बनाए रखने के लिए सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई थी। महालक्ष्मी के साथ साथ श्रीमंदिर पुलिस मौजूद थे। सिंहारी सेवायतों ने महालक्ष्मी को पालकी में बैठाकर लाए और विमानबड़ु सेवायतों ने पालकी उठाए थे। हेरापंचमी नीति के दौरान श्रीक्षेत्र में लोगों की काफी भीड़ जमी है। इस नीति को देखने के साथ लाखों श्रद्धालु गुण्डिचा मंदिर जाकर महाप्रभु का दर्शन किए हैं। श्री गुण्डिचा मंदिर के सामने आज सुबह से महाप्रभु के दर्शन के लिए लोगों की लम्बी कतार लगी हुई थी। दो कतार में भक्तों को श्रीगुण्डिचा मंदिर के अन्दर छोड़ा गया। रविवार से आड़प मण्डप से पहला अन्न महाप्रसाद भोग मिल रहा है। काफी दिनों बाद भक्तों ने महाप्रभु के आड़प मण्डप के रसोईशाला से निकले महाप्रसाद भोग से
वन कर अपना को धन्य महसूस कर रहे हैं।
Friday, June 22, 2012
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Hindutva is the true Synonym for Secularism: RSS
Hindutva is the true Synonym for Secularism: RSS
तारीख: 6/22/2012 4:25:05 PM
(VSK-CHENNAI)
NEW DELHI, JUNE 23,2012 : RSS Akhil Bharatiya Saha Sampark Pramukh Ram Madhav said that “Hindutva is the “true synonym” for secularism and is liberal as it embraces all other religions”, said in Delhi today.
He was clarifying the comments made by RSS Sarasanghachalak Mohan Bhagwat over the debate related and a secular idea,” he told reporters.
“To portray Hindutva as anti-secular is not correct and narrow minded. Hindutva is the true synonym for secularism. We have always felt that Hindutva is the ideological anchor of RSS and it is liberal, all embracing uncalled for to link his view to day-to-day happenings on the political front and statements of certain leaders,” Madhav said.
Ram Madhav said that what its chief Mohan Bhagwat said while addressing its swayamsevaks should not be viewed in the context of the present political situation in the country.
“It is uncalled for to link his view to day-to-day happenings on the political front and statements of certain leaders,” Madhav said.
Without naming Nitish Kumar for terming Hindutva as not being secular, Madhav said everyone has the right to put forth their views in democracy, but maintained that secularism and Hindutva are not opposed to each other.
To view the video of Ram Madhav’s statement please click:
http://www.youtube.com/watch?v=Zntl_qHmC_M&feature=player_embedded
RSS Kanrnataka Dakshin Pranth revised the team
विश्व हिन्दू परिषद की सन्त उच्चाधिकार समिति की बैठक
विश्व हिन्दू परिषद की सन्त उच्चाधिकार समिति की बैठक
तारीख: 6/21/2012 3:51:31 PM |
हरिद्वार, 21 जून, 2012 : विश्व हिन्दू परिषद की सन्त उच्चाधिकार समिति की बैठक मंगलवार को परमार्थ ज्ञान मन्दिर, कनखल, हरिद्वार में पूज्य जगद्गुरु मध्वाचार्य स्वामी विश्वेशतीर्थ जी महाराज की अध्यक्षता में प्रारम्भ हुई। बैठक का शुभारम्भ जगद्गुरु शंकराचार्य पूज्य स्वामी वासुदेवानन्द सरस्वती जी महाराज, जगद्गुरु मध्वाचार्य स्वामी विश्वेशतीर्थ जी महाराज, जगद्गुरु निम्बार्काचार्य स्वामी युवाचार्य जी महाराज, पूज्य स्वामी विवेकानन्द सरस्वती जी महाराज, श्री अशोक जी सिंहल ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित करके किया।
देश के विभिन्न प्रान्तों से आए साधु-सन्तों-महंत-महामण्डलेश्वरों का स्वागत विश्व हिन्दू परिषद के कार्याध्यक्ष डॉ0 प्रवीण तोगड़िया, उपाध्यक्ष श्री ओमप्रकाश जी सिंहल, संगठन महामंत्री श्री दिनेशचन्द्र जी सहित वरिष्ठ केन्द्रीय पदाधिकारियों ने पुष्पमाला अर्पित कर किया। बैठक के प्रारम्भ में मंगलाचरण श्री चन्द्रप्रकाश शुक्ल व नवीन शुक्ला एवं आचार्य चन्द्रभानु शर्मा ने किया।
विश्व हिन्दू परिषद के महामंत्री श्री चम्पतराय जी ने दो दिवसीय बैठक का एजेन्डा प्रस्तुत करते हुए कहा कि इस प्रकार की सूचनाएं आ रही हैं कि श्रीराम जन्मभूमि पर मन्दिर के साथ-साथ अन्य मजहब का धार्मिक प्रतीक चिन्ह् भी बना दिया जाए। सरकार भी इसी प्रकार की प्रयत्नों में लगी है। आवश्यक है कि सन्त समाज अपने पुराने संकल्प को स्मरण रखते हुए यह सुनिश्चित करे कि अयोध्या में जहॉं आज रामलला विराजमान हैं वहॉं श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर के अतिरिक्त आज हमें कुछ भी स्वीकार्य नहीं है। अन्य मजहबी कोई ढॉंचा अयोध्या की सांस्कृतिक सीमा में स्वीकार्य नहीं होगा।
श्री चम्पतराय जी ने कहा कि दूसरा विषय गंगा का है। सरकार यह प्रयत्न कर रही है कि गंगा की रक्षा के नाम पर संचित शक्ति का उपयोग वह श्रीराम जन्मभूमि पर सरकारी एजेन्डा को पूरा कराने में कर ले, इसे ध्यान में रखते हुए हमें निर्णय करना होगा। समाज के सामने इस प्रकार के भ्रम उत्पन्न किए जा रहे हैं कि हमें बिजली और पानी की बहुत आवश्यकता है किन्तु समाज को भोला होता है, वह यह नहीं समझ पा रहा है कि बिजली और पानी की कीमत पर क्या गंगा के पतित पावनी होने के गुण को हम समाप्त हो जाने देंगे या गंगा को हम नाला बन जाने देंगे। गंगा का अवतरण धरती पर बिजली और पानी ही प्राप्त करने के लिए नहीं हुआ था, भगीरथ ने अपने दीर्घ तप से अपने पूर्वजों की तृप्ति के लिए किया था। हम गंगा की अविरलता और निर्मलता के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेंगे।
तीसरा विषय हमारे सामने यह है कि आज पूरे देश में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सिर्फ चारों ओर लोकपाल-लोकपाल का ही बोलबाला सुनाई दे रहा है। हमें विचार करना
होगा कि भ्रष्टाचार और चारित्र्य पतन को कठोर कानून बनाकर ही रोका जा सकता है या इसके पीछे और भी कोई कारण है। क्या व्यक्तिगत, नैतिक और राष्ट्रीय चरित्र का ह्रास भी इसके पीछे कारण है। भारत धर्मप्राण देश रहा है जहॉं धर्म और अधर्म की स्पष्ट अवधारणा के आधार पर व्यक्ति अपने जीवन को उच्चतम शिखर तक ले जाता था। धर्मनिरपेक्षता (सेक्युलरिज्म) का ढिंढोरा पिटते-पिटते समाज निरन्तर गिरावट की ओर जा रहा है। आज फिर से देश में आध्यात्मिक शक्ति के उदय एवं धर्म के संरक्षण की आवश्यकता है।
सन्तजन दो दिवसीय इस बैठक में गहन रूप से विचार विमर्श करते हुए ऐसे दिशा निर्देश देने की कृपा करें जिससे कि इस अन्धकार से बाहर निकला जा सके।
बैठक के प्रमुख रूप से जगद्गुरु रामानन्दाचार्य पूज्य स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज, जगद्गुरु रामानन्दाचार्य पूज्य स्वामी रामाधाराचार्य जी महाराज, जगद्गुरु निम्बार्काचार्य पूज्य स्वामी युवाचार्य जी महाराज, पूज्य स्वामी विवेकानन्द सरस्वती जी महाराज, भोलाझाल, पूज्य स्वामी गोविन्ददेव गिरि जी महाराज, म0म0 पूज्य विष्णुपुरी जी महाराज, महामण्डलेश्वर पूज्य साध्वी सन्तोषी माता जी, महामण्डलेश्वर पूज्य हरिचेतनानन्द जी महाराज, पूज्य स्वामी चिन्मयानन्द जी महाराज, म0म0 पूज्य हरिहरानन्द जी महाराज, महामण्डलेश्वर पूज्य अखिलेश्वरानन्द जी महाराज, पूज्य श्रीमहंत फूलडोलदास जी महाराज, पूज्य श्रीमहंत रामजी दास जी महाराज, पूज्य युधिष्ठिर लाल जी महाराज, पूज्य स्वामी बालकदास जी महाराज, पूज्य श्रीमहंत राधे राधे बाबा, पूज्य डॉ0 रामेश्वरदास जी श्रीवैष्णव, पूज्य महंत रमेशदास जी महाराज, पूज्य स्वामी रामस्वरूप दास जी महाराज, पूज्य महंत निरंजन नाथ जी महाराज, पूज्य महंत हरिओमशरण दास जी महाराज, त्यागमूर्ति पूज्य महंत दर्शन सिंह जी महाराज, पूज्य महंत कमलनयनदास जी महाराज, पूज्य महंत सुरेशदास जी महाराज, पूज्य डॉ0 रामबिलासदास वेदान्ती जी महाराज, पूज्य महंत करुणानिधान शरण जी महाराज, पूज्य सियाकिशोरी शरण जी महाराज, महामण्डलेश्वर पूज्य प्रेमशंकर दास जी महाराज, पूज्य महंत कन्हैयादास जी महाराज,
पूज्य महंत राममिलनदास जी महाराज, पूज्य स्वामी मैथिलीशरण जी महाराज, पूज्य स्वामी सीतारामशरण जी महाराज, पूज्य स्वामी रामशरण जी महाराज, पूज्य स्वामी श्यामसुन्दर दास जी महाराज, पूज्य स्वामी कृष्णाचार्य जी महाराज, पूज्य स्वामी प्रियाप्रीतमशरण जी महाराज, पूज्य स्वामी कमलाकान्ताचार्य जी महाराज, पूज्य स्वामी विशम्भर दास जी महाराज, पूज्य स्वामी गोविन्द दास जी महाराज, कथाव्यास साध्वी विश्वेश्वरी देवी जी, साध्वी कमलेश भारती जी, महंत साध्वी गंगादास जी सहित अधिकांश आमंत्रित सन्तजन उपस्थित रहे।
बैठक का संचालन विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय मंत्री श्री जीवेश्वर मिश्र ने किया। परिषद की ओर से प्रमुख रूप से श्री पुरुषोत्तम नारायण सिंह, श्री राजेन्द्र सिंह जी पंकज, श्री उमाशंकर जी शर्मा, श्री कोटेश्वर शर्मा, श्री व्यंकटेश आबदेव जी, श्री अशोक तिवारी जी, श्री सुनील शर्मा, श्री शुम्भनाथ जी आदि उपस्थित रहे।
देश के विभिन्न प्रान्तों से आए साधु-सन्तों-महंत-महामण्डलेश्वरों का स्वागत विश्व हिन्दू परिषद के कार्याध्यक्ष डॉ0 प्रवीण तोगड़िया, उपाध्यक्ष श्री ओमप्रकाश जी सिंहल, संगठन महामंत्री श्री दिनेशचन्द्र जी सहित वरिष्ठ केन्द्रीय पदाधिकारियों ने पुष्पमाला अर्पित कर किया। बैठक के प्रारम्भ में मंगलाचरण श्री चन्द्रप्रकाश शुक्ल व नवीन शुक्ला एवं आचार्य चन्द्रभानु शर्मा ने किया।
विश्व हिन्दू परिषद के महामंत्री श्री चम्पतराय जी ने दो दिवसीय बैठक का एजेन्डा प्रस्तुत करते हुए कहा कि इस प्रकार की सूचनाएं आ रही हैं कि श्रीराम जन्मभूमि पर मन्दिर के साथ-साथ अन्य मजहब का धार्मिक प्रतीक चिन्ह् भी बना दिया जाए। सरकार भी इसी प्रकार की प्रयत्नों में लगी है। आवश्यक है कि सन्त समाज अपने पुराने संकल्प को स्मरण रखते हुए यह सुनिश्चित करे कि अयोध्या में जहॉं आज रामलला विराजमान हैं वहॉं श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर के अतिरिक्त आज हमें कुछ भी स्वीकार्य नहीं है। अन्य मजहबी कोई ढॉंचा अयोध्या की सांस्कृतिक सीमा में स्वीकार्य नहीं होगा।
श्री चम्पतराय जी ने कहा कि दूसरा विषय गंगा का है। सरकार यह प्रयत्न कर रही है कि गंगा की रक्षा के नाम पर संचित शक्ति का उपयोग वह श्रीराम जन्मभूमि पर सरकारी एजेन्डा को पूरा कराने में कर ले, इसे ध्यान में रखते हुए हमें निर्णय करना होगा। समाज के सामने इस प्रकार के भ्रम उत्पन्न किए जा रहे हैं कि हमें बिजली और पानी की बहुत आवश्यकता है किन्तु समाज को भोला होता है, वह यह नहीं समझ पा रहा है कि बिजली और पानी की कीमत पर क्या गंगा के पतित पावनी होने के गुण को हम समाप्त हो जाने देंगे या गंगा को हम नाला बन जाने देंगे। गंगा का अवतरण धरती पर बिजली और पानी ही प्राप्त करने के लिए नहीं हुआ था, भगीरथ ने अपने दीर्घ तप से अपने पूर्वजों की तृप्ति के लिए किया था। हम गंगा की अविरलता और निर्मलता के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेंगे।
तीसरा विषय हमारे सामने यह है कि आज पूरे देश में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सिर्फ चारों ओर लोकपाल-लोकपाल का ही बोलबाला सुनाई दे रहा है। हमें विचार करना
होगा कि भ्रष्टाचार और चारित्र्य पतन को कठोर कानून बनाकर ही रोका जा सकता है या इसके पीछे और भी कोई कारण है। क्या व्यक्तिगत, नैतिक और राष्ट्रीय चरित्र का ह्रास भी इसके पीछे कारण है। भारत धर्मप्राण देश रहा है जहॉं धर्म और अधर्म की स्पष्ट अवधारणा के आधार पर व्यक्ति अपने जीवन को उच्चतम शिखर तक ले जाता था। धर्मनिरपेक्षता (सेक्युलरिज्म) का ढिंढोरा पिटते-पिटते समाज निरन्तर गिरावट की ओर जा रहा है। आज फिर से देश में आध्यात्मिक शक्ति के उदय एवं धर्म के संरक्षण की आवश्यकता है।
सन्तजन दो दिवसीय इस बैठक में गहन रूप से विचार विमर्श करते हुए ऐसे दिशा निर्देश देने की कृपा करें जिससे कि इस अन्धकार से बाहर निकला जा सके।
बैठक के प्रमुख रूप से जगद्गुरु रामानन्दाचार्य पूज्य स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज, जगद्गुरु रामानन्दाचार्य पूज्य स्वामी रामाधाराचार्य जी महाराज, जगद्गुरु निम्बार्काचार्य पूज्य स्वामी युवाचार्य जी महाराज, पूज्य स्वामी विवेकानन्द सरस्वती जी महाराज, भोलाझाल, पूज्य स्वामी गोविन्ददेव गिरि जी महाराज, म0म0 पूज्य विष्णुपुरी जी महाराज, महामण्डलेश्वर पूज्य साध्वी सन्तोषी माता जी, महामण्डलेश्वर पूज्य हरिचेतनानन्द जी महाराज, पूज्य स्वामी चिन्मयानन्द जी महाराज, म0म0 पूज्य हरिहरानन्द जी महाराज, महामण्डलेश्वर पूज्य अखिलेश्वरानन्द जी महाराज, पूज्य श्रीमहंत फूलडोलदास जी महाराज, पूज्य श्रीमहंत रामजी दास जी महाराज, पूज्य युधिष्ठिर लाल जी महाराज, पूज्य स्वामी बालकदास जी महाराज, पूज्य श्रीमहंत राधे राधे बाबा, पूज्य डॉ0 रामेश्वरदास जी श्रीवैष्णव, पूज्य महंत रमेशदास जी महाराज, पूज्य स्वामी रामस्वरूप दास जी महाराज, पूज्य महंत निरंजन नाथ जी महाराज, पूज्य महंत हरिओमशरण दास जी महाराज, त्यागमूर्ति पूज्य महंत दर्शन सिंह जी महाराज, पूज्य महंत कमलनयनदास जी महाराज, पूज्य महंत सुरेशदास जी महाराज, पूज्य डॉ0 रामबिलासदास वेदान्ती जी महाराज, पूज्य महंत करुणानिधान शरण जी महाराज, पूज्य सियाकिशोरी शरण जी महाराज, महामण्डलेश्वर पूज्य प्रेमशंकर दास जी महाराज, पूज्य महंत कन्हैयादास जी महाराज,
पूज्य महंत राममिलनदास जी महाराज, पूज्य स्वामी मैथिलीशरण जी महाराज, पूज्य स्वामी सीतारामशरण जी महाराज, पूज्य स्वामी रामशरण जी महाराज, पूज्य स्वामी श्यामसुन्दर दास जी महाराज, पूज्य स्वामी कृष्णाचार्य जी महाराज, पूज्य स्वामी प्रियाप्रीतमशरण जी महाराज, पूज्य स्वामी कमलाकान्ताचार्य जी महाराज, पूज्य स्वामी विशम्भर दास जी महाराज, पूज्य स्वामी गोविन्द दास जी महाराज, कथाव्यास साध्वी विश्वेश्वरी देवी जी, साध्वी कमलेश भारती जी, महंत साध्वी गंगादास जी सहित अधिकांश आमंत्रित सन्तजन उपस्थित रहे।
बैठक का संचालन विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय मंत्री श्री जीवेश्वर मिश्र ने किया। परिषद की ओर से प्रमुख रूप से श्री पुरुषोत्तम नारायण सिंह, श्री राजेन्द्र सिंह जी पंकज, श्री उमाशंकर जी शर्मा, श्री कोटेश्वर शर्मा, श्री व्यंकटेश आबदेव जी, श्री अशोक तिवारी जी, श्री सुनील शर्मा, श्री शुम्भनाथ जी आदि उपस्थित रहे।
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गाय के दूध में मिलेगा मछली से ज्यादा पोषण
गाय के दूध में मिलेगा मछली से ज्यादा पोषण
तारीख: 6/20/2012 4:08:01 PM |
वैज्ञानिकों ने पैदा की जेनेटिकली मॉडिफाइड बछिया
(विश्व संवाद केंद्र, इंद्रप्रस्थ)
लंदन, 20 जून 2012 : वैज्ञानिक इन्सान के लिए पहले से कहीं ज्यादा पौष्टिक दूध देने वाली गाय तैयार करने में कामयाब रहे हैं| उन्होंने गायों के जीन में बदलाव करके दो ऐसी बछिया पैदा की हैं, जिनमें से एक का दूध लैक्टोज पचाने में असमर्थ लोग पी सकेंगे, जबकि दूसरे के दूध में मछली से कई गुना ज्यादा ओमेगा-३ फैटी एसिड पाए जायेंगे|
मंगोलिया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने दो अलग-अलग प्रयोगों के दौरान यह सफलता हासिल की| पहले प्रयोग के तहत उन्होंने गाय से प्राप्त १४ भ्रूण में ‘आरकिया’ नामक जीव के जीन प्रतिरोपित किए| इसके बाद इन्हें दूसरी गायों के कोख में डाला| अप्रैल में इन गायों ने पांच बछिया को जन्म दिया, जिनका नाम ‘लक्स’ रखा गया| इनमें से तीन बछिया में ‘आरकिया’ के जीन मौजूद थे|
ये जीन लैक्टोज को साधारण शक्कर में तब्दील कर देते हैं, जिसे आसानी से हजम किया जा सकता हैं| शोधकर्ता झाउ हु आंमिन के मुताबिक ये बछिया २५ माह की उम्र में प्रजनन में सक्षम हो जाएंगी| इसके बाद उनसे कम लैक्टोज युक्त दूध प्राप्त किया जा सकेगा| हुआंमिन ने उम्मीद जताई की आनेवाले दस साल में बडे पैमाने पर ‘लक्स’ जैसी गायें पैदा की जा सकेंगी|
दूसरे प्रयोग में वैज्ञानिकों ने ऐसी गाय पैदा की, जो ओमेगा-३ फैटी एसिड से भरपूर दूध देती थी| मछली और बादाम में मुख्य रूप से पाए जाने वाले ये फैटी एसिड न केवल हृदयरोगों से बचाव में कारगर हैं, बल्कि ढलती उम्र में याददाश्त भी दुुरुस्त रखते हैं| प्रयोग दल की अगुवाई करने वाले डॉक्टर गुआंग पेंग ली ने बताया कि, ओमेगा-३ फैटी एसिड के भरपूर दूध देने वाली बछिया पैदा करने के लिए गायों से प्राप्त भ्रूण में राउंडवॉर्म के जीन डाले गए| इसके बाद इन्हें दूसरी गायों के कोख में प्रतिरोपित किया गया| इससे जन्मी बछिया ने जो दूध दिया, उसमें साधारण गायों के दूध के मुकाबले चार गुना अधिक ओमेगा-३ फैटी एसिड थे|
(दैनिक हिंदुस्थान से साभार)
(दैनिक हिंदुस्थान से साभार)
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चीन, अमरीका के बाद अब चले ब्राजील बनाने- गोविन्दाचार्य
चीन, अमरीका के बाद अब चले ब्राजील बनाने- गोविन्दाचार्य
तारीख: 6/20/2012 3:43:20 PM |
जयपुर, 20 जून 2012 : राजस्थान के कोटा शहर के घोड़े वाले बाबा चैराहा स्थित टीलेश्वर महादेव मंदिर के सभागार में हाल ही में राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन का आठवां स्थापना दिवस समारोह आयोजित किया गया। दो दिन चले इस कार्यक्रम में आंदोलन के संस्थापक- संरक्षक के.एन. गोविंदाचार्य मुख्य वक्ता थे।
यह दिन राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के लिए विशेष महत्व रखता है। कारण, इस दिन आंदोलन की नींव रखी गई थी।इस उपलक्ष्य में कोटा के टीलेश्वर महादेव मंदिर में आयोजित इस दो दिन चले इस कार्यक्रम में आंदोलन के संस्थापक- संरक्षक के.एन. गोविंदाचार्य मुख्य वक्ता थे। उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारत पर सदियों से बाहरी सभ्यताएं हावी रही हैं। इसी लिए देश सही मायनों में तरक्की नहीं कर पाया है। यहां के नेताओं पर पहले रूस हावी रहा तो उन्होंने भारत को रूस बनाना चाहा, फिर 70 के दशक में चीन बनाना चाहा तो 80 के दशक में अमेरिका और 2010 के बाद ब्राजील बनाने की ख्वाहिश रखते हैं। भारत की शक्ति समाज और परिवारों में है। जब समाज आगे होगा और सत्ता पीछे, तभी देश का विकास होगा।
यह दिन राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के लिए विशेष महत्व रखता है। कारण, इस दिन आंदोलन की नींव रखी गई थी।इस उपलक्ष्य में कोटा के टीलेश्वर महादेव मंदिर में आयोजित इस दो दिन चले इस कार्यक्रम में आंदोलन के संस्थापक- संरक्षक के.एन. गोविंदाचार्य मुख्य वक्ता थे। उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारत पर सदियों से बाहरी सभ्यताएं हावी रही हैं। इसी लिए देश सही मायनों में तरक्की नहीं कर पाया है। यहां के नेताओं पर पहले रूस हावी रहा तो उन्होंने भारत को रूस बनाना चाहा, फिर 70 के दशक में चीन बनाना चाहा तो 80 के दशक में अमेरिका और 2010 के बाद ब्राजील बनाने की ख्वाहिश रखते हैं। भारत की शक्ति समाज और परिवारों में है। जब समाज आगे होगा और सत्ता पीछे, तभी देश का विकास होगा।
सरकार पर दूसरे देशों की नकल करने पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया का हर देश अलग है। ईश्वर ने हर देश को अलग प्रश्न पत्र दिया है। हमें इतिहास का प्रश्न पत्र दिया है। हम इसमें भूगोल की नकल करेंगे तो एक भी सवाल हल नहीं कर पाएंगे। अपनी समस्याओं के हल हमें खुद निकालने होंगे। दूसरे देशों की पृष्ठभूमि जाने बिना नकल करना खतरनाक हो रहा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका की आबादी तीस करोड़ है। वहां 120 करोड़ क्रेडिट कार्ड हैं। 12 लाख किसान हैं। जबकि भारत में 65 करोड़ किसान हैं। हमारी आबादी 120 करोड़ है। वहां के फैसले यहां कैसे लागू हो सकते हैं? दूसरों की तरफ देखना और दूसरों की कमी निकालना हमारी आदत सी बन गई है। आजादी से पहले हम हर बात के लिए अंग्रेजों को जिम्मेदार ठहरा देते थे, लेकिन आजादी के बाद हमारे पास काफी समय था, हमने इसे क्यों नहीं बदला? जबकि दुबई जैसे देश ने अपनी जरूरतों के हिसाब से सब कुछ बदल दिया। हमारे यहां हर चीज वही है, जो अंग्रेज देकर गये थे। वही रविवार की छुट्टी, वही दफ्तरों का समय।
गोविंदाचार्य ने सरकार को कटघरे में लाते हुए कहा कि राज्यसभा में राज्य के लोग ही मनोनीत हो सकते हैं, न कि बाहर के। हमें अपनी गरिमा का कुछ तो लिहाज रखना चाहिए। आज घोटाले और भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं, जिससे पता चलता है कि संसद में अपराधी मौजूद हैं। सवाल यह है कि वह वहां तक पहुंचे कैसे? यानी हमारी चुनाव प्रणाली में ही दोष है। इसे सुधारना होगा।
कार्यक्रम में मीनाक्षी लेखी, अनिल हेगड़े, बाबा निरंजन नाथ, अरविंद त्रिवेद्वी, रोशन लाल अग्रवाल, रमाकांत पांडेय, गिरिराज गुप्ता, राकेश दुबे आदि ने भी विभिन्न विषयों पर व्याख्यान दिया। वहीं गांधीवादी विचारक बालकृष्ण निलोसे को शरद कुमार साधक पुरस्कार और समाजसेवी विष्णु दत्त शर्मा को नानाजी देशमुख पुरस्कार से नवाजा गया। कार्यक्रम में सर्वसम्मति से सुरेन्द्र बिष्ट को राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक की जिम्मेदारी दी गई।
कार्यक्रम में मीनाक्षी लेखी, अनिल हेगड़े, बाबा निरंजन नाथ, अरविंद त्रिवेद्वी, रोशन लाल अग्रवाल, रमाकांत पांडेय, गिरिराज गुप्ता, राकेश दुबे आदि ने भी विभिन्न विषयों पर व्याख्यान दिया। वहीं गांधीवादी विचारक बालकृष्ण निलोसे को शरद कुमार साधक पुरस्कार और समाजसेवी विष्णु दत्त शर्मा को नानाजी देशमुख पुरस्कार से नवाजा गया। कार्यक्रम में सर्वसम्मति से सुरेन्द्र बिष्ट को राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक की जिम्मेदारी दी गई।
गंगा के लिए दिल्ली में संतों का भगीरथ प्रयास
गंगा के लिए दिल्ली में संतों का भगीरथ प्रयास
तारीख: 6/20/2012 2:21:32 PM |
नई दिल्ली, 20 जून 2012 : दिल्ली का राजघाट और जंतर मंतर सोमवार १८ जून को गंगा की धारा को अविरल बनाने के लिए संघर्ष कर रहे संतों की एकजुटता का साक्षी बना। संत समाज अब भगीरथ प्रयास के लिए पूरी तरह से तैयार है। यहां पहली बार गंगा को 'गंगा मइया' बनाने के लिए देशभर से आए संत व आम लोगों ने एक साथ हुंकार भरा।
गंगा की दुर्दशा की बात को सभी राजनेता व दल मौखिक रूप से तो स्वीकारते हैं, लेकिन निर्मल बनाने की बात आते ही मौन साध लेते हैं। संतों ने उन्हें भी इस आंदोलन से जुड़ने का न्योता भेजा है। संतों ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जनता को जगाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे व बाबा रामदेव से भी साथ आने का आह्वान किया है।
एक दिवसीय गंगा मुक्ति संग्राम के बारे में संगठन के राष्ट्रीय संयोजक आचार्य प्रमोद कृष्णम ने बताया कि गंगा किसी धर्म विशेष से जुड़ा मसला नहीं है। इसलिए दलगत राजनीति से उपर उठकर सभी पार्टी के नेताओं को गंगा की रक्षा के लिए साथ आने की अपील की गई है।
राजघाट पर बापू की समाधि पर सरकार की बुद्धि शुद्धि के लिए सोमवार सुबह 10 बजे सैकड़ों संतों ने जलाभिषेक किया। फिर वहां से पैदल मार्च करते हुए संत, पर्यावरणविद्, युवा तथा समाज के हर वर्ग के हजारों लोग जंतर-मंतर पर आयोजित जनसभा के रवाना हुए।
प्रदूषण की मार से बीमार गंगा की व्यथा लेकर पहुंचे साधु-संतों ने रविवार को कहा कि यमुना नदी में प्रदूषण की समस्या को भी उठाया जाएगा। साधु-संतों ने रविवार को यहां विश्रामघाट पर यमुना पूजन, दुग्धाभिषेक और आरती की।
बांधों को हटाने और गंगा नदी को राष्ट्रीय ध्वज के समान सम्मान दिलाने की मांग को लेकर काशी से दिल्ली तक निकाली जा रही गंगा शुद्धिकरण अभियान यात्रा में शामिल संत-महात्मा रविवार को यहां यमुना प्रदूषण की समस्या से भी रूबरू हुए। माथुर- चतुर्वेद परिषद के पदाधिकारियों ने यात्रा में शामिल संत-महात्माओं को यमुना जल से भरा कलश भी दिया।
गंगा-यमुना के जल का कलश लेकर सोमवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन किया गया। तीन दिन पहले जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के सानिध्य में गंगा जल कलश लेकर काशी से शुरू हुई यात्रा शुक्रवार रात करीब सवा नौ बजे मथुरा की सीमा में पहुंची। संत ज्योतिर्मय आनंद और डॉ. लक्ष्मी मणि शास्त्री की अगुवाई में आई यात्रा में शामिल करीब साढ़े छह सौ लोगों ने रविवार प्रात: विश्राम घाट पहुंचकर यमुना पूजन किया।
यात्रा में सांप्रदायिक सद्भावना की मिसाल बनकर सौ से अधिक अल्पसंख्यक समुदाय के लोग भी शामिल हैं। इनकी अगुवाई अतहर जमाल लारी कर रहे हैं।
Gilani stands DISQUALIFIED as PM, rules Pak SC
Gilani stands DISQUALIFIED as PM, rules Pak SC
तारीख: 6/19/2012 5:13:19 PM |
ISLAMABAD, JUNE 19,2012 : Pakistan Supreme Court on Tuesday declared Prime Minister Yousuf Raza Gilani ineligible to hold the office and said he stood disqualified since April 26 when he was convicted and sentenced for contempt.
The apex court also asked President Asif Ali Zardari to play constitutional role for continuation of democracy.
TV channels in Islamabad reported that the court has also ordered Zardari to select a new prime minister.
The apex court also asked President Asif Ali Zardari to play constitutional role for continuation of democracy.
TV channels in Islamabad reported that the court has also ordered Zardari to select a new prime minister.
The verdict also states that the Election Commission of Pakistan should issue a notification regarding Gilani's ineligibility.
The verdict, a huge setback for the prime minister, means that Gilani, 60, will not be a member of parliament.
The verdict, a huge setback for the prime minister, means that Gilani, 60, will not be a member of parliament.
उत्तर क्षेत्र संघ शिक्षा वर्ग द्वितीय वर्ष का समापन समारोह
उत्तर क्षेत्र संघ शिक्षा वर्ग द्वितीय वर्ष का समापन समारोह
तारीख: 6/19/2012 5:02:25 PM |
वर्ग प्रतिवेदनवर्ग का प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए इस वर्ग के कार्यवाह श्रीमान सत्यव्रत शास्त्री जी ने बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विभिन्न स्तर पर अपने कार्यकर्ताओं के शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास के लिए प्रशिक्षण वर्ग आयोजित करता है। उसी क्रम में उत्तर क्षेत्र का द्वितीय वर्ष (सामान्य-जिसमे चालीस वर्ष के कम आयु वर्ग के प्रशिक्षणार्थी सम्मिलित होते हैं) का वर्ग महाराजा अग्रसेन तकनीकी शिक्षा संस्थान में २७ मई २०१२ से १६ जून २०१२ तक आयोजित किया गया| जिसमे दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, जम्मू-कश्मीर तथा हिमांचल आदि प्रान्तों को मिलाकर १२९ शिक्षार्थियों ने भाग लिया| इनमे ११वी कक्षा के १८, १२वीं के ५२, स्नातक के १४, स्नातकोत्तर के ५, व्यावसायिक शिक्षा के ८, व्यवसायी ३१ और कर्मचारी २१ उपस्थित रहे। वर्ग में १७ शिक्षक और ४४ प्रबंधक भी पूर्ण समय के लिए उपस्थित रहे| सभी ने अपने गणवेश, भोजन आदि का खर्चा स्वयं वहन किया।
वर्ग की दिनचर्या प्रात:काल ४:१५ से शुरू होकर रात्रि १०:३० बजे तक रहती है| बौद्धिक वर्ग के लिए उत्तर क्षेत्र के संघचालक माननीय बद्रीलाल जी, क्षेत्रीय कार्यवाह माननीय सीताराम जी व्यास, क्षेत्रीय प्रचारक माननीय रामेश्वर जी के साथ-साथ अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य माननीय दिनेश जी एवं अखिल भारतीय बौद्धिक प्रमुख माननीय भागय्या जी इनका मार्गदर्शन प्राप्त हुआ| वर्ग का सौभाग्य रहा की परमपूजनीय सरसंघचालक मोहन राव जी भागवत का तीन दिन सानिध्य प्राप्त हुआ।
माननीय भागय्या जी का उदबोधनमाननीय भागय्या जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि, गर्मी के इस भीषण समय में भी बड़ी प्रसन्नता के साथ हम सबने शक्ति का, संयम का, प्रसन्नता का दर्शन किया है। आप सब को लगा होगा, मुझे भी लगा है, धीरे-धीरे शारीरिक प्रदर्शन से प्रारंभ होकर वर्ग समापन समारोह जैसे-जैसे योगासन पर आया, एक शांति का, संयम का, प्रेम का, आत्मीयता का अलग ही भाव अपने मन में जगा है। यही शक्ति का दर्शन है| ये दुर्गा शक्ति का दर्शन है| ये सरस्वती मॉं का दर्शन है और ये सम्पूर्ण शक्ति का दर्शन है; और ऐसी शक्ति का दर्शन कर लेने से अपने को आनंद मिलता है, शांति मिलती है| ऐसा सर्व-साधारण समाज में ऊर्जा बढ़ाना, सर्व साधारण समाज को संगठित करना, यही इस देश के लिए अत्यंत आवश्यक है, ऐसा संघ ने समझा है| इसलिए संघ सर्वसामान्य व्यक्तियों को प्रशिक्षण देता है। ये तो संघ शिक्षा वर्ग है, लेकिन संघ शिक्षा वर्ग के बाहर भी शाखाओं के द्वारा, कार्यक्रमों द्वारा, संघ के शिविरों द्वारा, सर्वसामान्य जनता को प्रशिक्षण देना ये संघ की पद्धति है। केवल संघ ही नही ऐसे सभी व्यक्ति, संगठन जो इस देश का हित चाहते हैं, इस मत को मानते और समर्थन करते हैं|
हमारे पूर्व राष्ट्रपति मान्यवर श्री अब्दुल कलाम जी जब राष्ट्रपति बने तो पत्रकारों ने उनसे प्रश्न पूछा कि वर्तमान में भारत आतंकवाद, आन्तरिक सुरक्षा और कई प्रकार की समस्याओं से जूझ रहा है, उसका समाधान क्या है? उन्होंने उत्तर दिया कि, भारत में रहनेवाले सभी जाति और धर्मों के लोगों को आध्यात्मिक बनाना चाहिए| आध्यात्मिक होने से कई समस्याओं का समाधान हो जायेगा| आप ईश्वर है, हम ईश्वर हैं, ये माताएं, बहने ईश्वर हैं, यहॉं उपस्थित सारा जनसमुदाय ईश्वर है, ऐसी भावना मन में हो! भगवान कहते हैं, ‘एकोSहम् बहुस्याम्’, मै अकेला ही कई रूपों में परिणित हुआ, इसलिए सब जगह मुझे अनुभव करो! इससे प्रेम बढेगा, एकात्मता आयेगी| यही मानवमात्र में भगवान का दर्शन एवं मानवता की सेवा ही हिंदुत्व है। अब इसके लिए वातावरण बने इसलिए संघ यह सब करता है।
आज हमारे देश में जो शिक्षा दी जा रही है उसमें ज्ञान व तकनीकी तो सम्मिलित हैं, किन्तु नैतिक पक्ष पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। समाज क्या होता है, संस्कार क्या होते हैं, हमें किसके साथ किस प्रकार का बर्ताव करना चाहिए। ये सारी बातें शिक्षा पद्यति में सम्मिलित की जानी चाहिए। ऐसा भी नहीं है कि हमारे देश से संस्कार लुप्त हो गए हैं। आज भी माताएं अपने बच्चों को संस्कार सिखाती हैं और भारत इसीलिए जिंदा है। जैसे इस वर्ग के लिए 3000 माताओं ने भोजन व्यवस्था में सहयोग दिया, उनका हमारा क्या सम्बन्ध है। कोई भौतिक संबन्ध नहीं है किन्तु हम एक ही देश के निवासी हैं और हमारे बीच एक आध्यात्मिक संबंध है और यही भारत की विशेषता है।
जो लोग संविधान की बातें करते हैं वही संविधान का उल्लंघन भी करते हैं। उत्तर प्रदेश का चुनाव आया तो सरकार ने अल्पसंख्यकों के लिए साढ़े चार प्रतिशत आरक्षण की घोषणा कर दी। अब हैदराबाद हाईकोर्ट ने फटकार लगाई कि ये तो संविधान सम्मत नहीं है। ऐसा आपने क्यों किया? सरकार के पास इस बात का कोई जवाब नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में आए और वहां भी उन्हें फटकार सुननी पड़ी। तो थोड़े से स्वार्थ के लिए राष्ट्रीय अखण्डता से समझौता नहीं किया जाना चाहिए। अभी कश्मीर समस्या को सुलझाने हेतु वार्ताकारों की नियुक्ति की गई थी। उस समिति ने जो सुझाव सरकार को दिए हैं उनसे ऐसा प्रतीत होता है कि वो कश्मीर को भारत से अलग रखना चाहते है। जैसे कश्मीर से केन्द्र के अधिकार कम किए जाएं। धारा 370 को स्थाई मान्यता दी जाए, मतलब आगे भी कोई भारतीय कश्मीर में जमीन-जायदाद न खरीद पाए, इस चीज को स्थायी रूप से लागू किया जाए। कश्मीर के मुख्यमंत्री और राज्यपाल को प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति का दर्जा दिया जाए। रक्षा और सेना को छोड़कर किसी भी मामले में केन्द्र का हस्तक्षेप न हो। समझ से परे है कि ये रिपोर्ट कश्मीर को भारत से अलग करने के लिए बनाई गई है या जोड़ने के लिए। आप लोगों को पता है भूमि हमारी मॉं है। गॉंवों में जमीन के एक टुकड़े के लिए हमारी माताएं-बहनें तक जान की बाजी लगा देती हैं और कश्मीर को हिन्दुस्तान से अलग करने का षड्यंत्र किया जा रहा है। अभी आंध्र प्रदेश में हमारी सरकार नहीं है किन्तु वहां के जो चार मेडिकल कॉलेज हैं वहां के विद्यार्थी हमारे स्वयंसेवकों की प्रेरणा से सेवा भारती जैसे संगठनों में नियमित रूप से सेवा कार्य करते हैं। संघ चाहता है कि राष्ट्रहित में सारी आध्यात्मिक एवं राष्ट्रवादी ताकतें एकजुट हों, लेकिन ऐसा अहंकार भी नहीं है कि सिर्फ संघ ही अच्छे कार्य कर सकता है। कई बार हमारे स्वयंसेवक हतोत्साहित हो जाते है, इसकी आवश्यकता नहीं है, उनको लगता है समाज में इतनी अराजकता हो गई, सरकार और जिम्मेदार संस्थाएं राष्ट्र और समाज हित के कार्यों से दूर हैं। हमारे अकेले प्रयासों से समाज का क्या भला होने वाला है। द्वापर युग में भी द्रौपदी का चीरहरण हुआ था। तब भीम ने प्रतिज्ञा ली थी कि अभी हम कमजोर हैं जब ताकतवर होंगे तो दुष्टों को दण्ड देंगे। इसी प्रकार संघ, हिन्दू समाज और भारतीय जन-मानस के अंत:करण में बसा हुआ है। संघ का अर्थ संगठित होना है। जब हिन्दू संगठित होगा तो हम एक समग्र शक्ति के रूप में उभरेंगे और समाज तथा राष्ट्र का हित कर सकेंगे।
हमारे पूर्व राष्ट्रपति मान्यवर श्री अब्दुल कलाम जी जब राष्ट्रपति बने तो पत्रकारों ने उनसे प्रश्न पूछा कि वर्तमान में भारत आतंकवाद, आन्तरिक सुरक्षा और कई प्रकार की समस्याओं से जूझ रहा है, उसका समाधान क्या है? उन्होंने उत्तर दिया कि, भारत में रहनेवाले सभी जाति और धर्मों के लोगों को आध्यात्मिक बनाना चाहिए| आध्यात्मिक होने से कई समस्याओं का समाधान हो जायेगा| आप ईश्वर है, हम ईश्वर हैं, ये माताएं, बहने ईश्वर हैं, यहॉं उपस्थित सारा जनसमुदाय ईश्वर है, ऐसी भावना मन में हो! भगवान कहते हैं, ‘एकोSहम् बहुस्याम्’, मै अकेला ही कई रूपों में परिणित हुआ, इसलिए सब जगह मुझे अनुभव करो! इससे प्रेम बढेगा, एकात्मता आयेगी| यही मानवमात्र में भगवान का दर्शन एवं मानवता की सेवा ही हिंदुत्व है। अब इसके लिए वातावरण बने इसलिए संघ यह सब करता है।
आज हमारे देश में जो शिक्षा दी जा रही है उसमें ज्ञान व तकनीकी तो सम्मिलित हैं, किन्तु नैतिक पक्ष पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। समाज क्या होता है, संस्कार क्या होते हैं, हमें किसके साथ किस प्रकार का बर्ताव करना चाहिए। ये सारी बातें शिक्षा पद्यति में सम्मिलित की जानी चाहिए। ऐसा भी नहीं है कि हमारे देश से संस्कार लुप्त हो गए हैं। आज भी माताएं अपने बच्चों को संस्कार सिखाती हैं और भारत इसीलिए जिंदा है। जैसे इस वर्ग के लिए 3000 माताओं ने भोजन व्यवस्था में सहयोग दिया, उनका हमारा क्या सम्बन्ध है। कोई भौतिक संबन्ध नहीं है किन्तु हम एक ही देश के निवासी हैं और हमारे बीच एक आध्यात्मिक संबंध है और यही भारत की विशेषता है।
जो लोग संविधान की बातें करते हैं वही संविधान का उल्लंघन भी करते हैं। उत्तर प्रदेश का चुनाव आया तो सरकार ने अल्पसंख्यकों के लिए साढ़े चार प्रतिशत आरक्षण की घोषणा कर दी। अब हैदराबाद हाईकोर्ट ने फटकार लगाई कि ये तो संविधान सम्मत नहीं है। ऐसा आपने क्यों किया? सरकार के पास इस बात का कोई जवाब नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में आए और वहां भी उन्हें फटकार सुननी पड़ी। तो थोड़े से स्वार्थ के लिए राष्ट्रीय अखण्डता से समझौता नहीं किया जाना चाहिए। अभी कश्मीर समस्या को सुलझाने हेतु वार्ताकारों की नियुक्ति की गई थी। उस समिति ने जो सुझाव सरकार को दिए हैं उनसे ऐसा प्रतीत होता है कि वो कश्मीर को भारत से अलग रखना चाहते है। जैसे कश्मीर से केन्द्र के अधिकार कम किए जाएं। धारा 370 को स्थाई मान्यता दी जाए, मतलब आगे भी कोई भारतीय कश्मीर में जमीन-जायदाद न खरीद पाए, इस चीज को स्थायी रूप से लागू किया जाए। कश्मीर के मुख्यमंत्री और राज्यपाल को प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति का दर्जा दिया जाए। रक्षा और सेना को छोड़कर किसी भी मामले में केन्द्र का हस्तक्षेप न हो। समझ से परे है कि ये रिपोर्ट कश्मीर को भारत से अलग करने के लिए बनाई गई है या जोड़ने के लिए। आप लोगों को पता है भूमि हमारी मॉं है। गॉंवों में जमीन के एक टुकड़े के लिए हमारी माताएं-बहनें तक जान की बाजी लगा देती हैं और कश्मीर को हिन्दुस्तान से अलग करने का षड्यंत्र किया जा रहा है। अभी आंध्र प्रदेश में हमारी सरकार नहीं है किन्तु वहां के जो चार मेडिकल कॉलेज हैं वहां के विद्यार्थी हमारे स्वयंसेवकों की प्रेरणा से सेवा भारती जैसे संगठनों में नियमित रूप से सेवा कार्य करते हैं। संघ चाहता है कि राष्ट्रहित में सारी आध्यात्मिक एवं राष्ट्रवादी ताकतें एकजुट हों, लेकिन ऐसा अहंकार भी नहीं है कि सिर्फ संघ ही अच्छे कार्य कर सकता है। कई बार हमारे स्वयंसेवक हतोत्साहित हो जाते है, इसकी आवश्यकता नहीं है, उनको लगता है समाज में इतनी अराजकता हो गई, सरकार और जिम्मेदार संस्थाएं राष्ट्र और समाज हित के कार्यों से दूर हैं। हमारे अकेले प्रयासों से समाज का क्या भला होने वाला है। द्वापर युग में भी द्रौपदी का चीरहरण हुआ था। तब भीम ने प्रतिज्ञा ली थी कि अभी हम कमजोर हैं जब ताकतवर होंगे तो दुष्टों को दण्ड देंगे। इसी प्रकार संघ, हिन्दू समाज और भारतीय जन-मानस के अंत:करण में बसा हुआ है। संघ का अर्थ संगठित होना है। जब हिन्दू संगठित होगा तो हम एक समग्र शक्ति के रूप में उभरेंगे और समाज तथा राष्ट्र का हित कर सकेंगे।
14 People from 4 Families Convert to Hinduism
14 People from 4 Families Convert to Hinduism
तारीख: 6/19/2012 5:00:47 PM |
(HAINDAVA KERALM)
MUMBAI, JUNE 19, 2012 : In the event organized by Vishwa Hindu Parishad (VHP) here on Sunday, the 17 th June, 14 People from 4 families converted to Hinduism. It included 8 Christians & 6 Muslims. Braving the heavy Rains all of them arrived here in Wagheshwari Devi Temple to embrace the Vedic faith. The Programme was organized under the leadership of VHP Zonal Secretary Shri Anand Kumar Pande in Filmcity, Goregaon East. It Included Christians who were converted 3 years back like the family of Dinanath Jaiswal, a resident of Pimpripada Slum to some of them who were born in Muslim or Christian faith & were never Hindus before until today like, Ameen Zaheer Khan an Engineer with a multinational company who now changed his name to Aman Kumar Malhotra & Faisal Ansari a small time businessman who became Amit Tiwari. All of them performed the Shudhikaran Yagna & recited Vedic Shlokas while undergoing the process of initiation into Hindu Religion.
It also included a Poor Widow Nasreen Shaikh & her two children Chand Nasim Shaikh (son) & Jasmine Shaikh (Daughter), who has now decided to name her son as Vinayak Pawar & her daughter as Pooja Pawar. As per her after attending the prayers organized by VHP in her area she felt relieved & starting liking Lord Ganesha,who helped her to pass the rough phase which she had to go through after her husband passed away. Same were sentiments of other participants, as per some of the Christians they were earlier Hindus but were misled by Missionaries of Tabor Ashram in Kalyan ( a Pentecostal Sect) that after converting to Christianity they would leave alchohol & their economic conditions will improve & as adviced by Pastors they threw the photos of Hindu Gods & Goddesses in near by lake, but even after years things never changed & after meeting VHP workers & attending the Prayer sessions organized by VHP in their area they decided to return back to Hinduism by their own free will. As per the VHP Zonal Chief Shri Anand Kumar Pande “ we will continue to preach Hinduism to unreached people so that they can get the esscence of the great Vedic Culture which they had forgotten after being cheated and left at the mercy of those who are known for their crafty designs”.
VHP District Chief Secretary ,Shri Arvind Dubey presented each family a photo of Lord Shiva & a copy of Ramcharitmanas. Bajrang Dal District organizer Shri Shushil Upadhyay administered all of them the pledge after which they were accepted in the mother faith. Other members present were the VHP Jint Secretary Shri KV Ramchandran Nair, VHP Oshiwara District Secretary Shri Aneesh Nair,VHP Joint Unit Secretary Shri Kannan Swami & RSS District Joint Secretary Shri Suhas Vaidya.
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Monday, June 18, 2012
सिविल लिवर्टी फोरम की नई कार्य कारिणी गठित
सिविल लिवर्टी फोरम की नई कार्य कारिणी गठित
भुवनेश्वर visakeo
सिविल लिवर्टी फोरम की नई कार्य कारिणी गठित
भुवनेश्वर : ओडिशा सिविल लिबर्टी फोरम की नई कार्यकारिणी समिति का पुनर्गठन किया गया है। समिति के चेयरमैन के रूप में मेरुसागर सामंतराय, सभापती के रूप में डॉ. बन बिहारी पंडा, कार्यकारी सभापति के रूप में बीरेंन मोहन पट्नायक, सचिव के रूप में शुभेंदु कुमार परिड़ा, उप सभापति के रूप में प्रमोद पट्नायक, कोषाध्यक्ष के रूप में श्रीमती सुमन खंडेलवाल ,सह सचिव के रूप में जचिन्द्र महंती, रामेश्वर मिश्र, श्रीमंत कुमार सामंतराय, एवं राज्य संयोजक के रूप में कपिल खंडेलवाल को चुना गया है।
देश के कुछ एनजीओ कार्यकर्ता अपने आप को सर्वज्ञानी समझते हैं। ये लोग समझ रहे है की उनका कहना ही ठीक है बाकी सब गलत ऐसे एनजीओ कार्यकर्ताओं का मनोभाव हीं उन्हें ले डूबेगा। देशवासी इन्हें नकार देंगे यह कहना है देश के उच्चतम न्यायालय के न्यायधीश अनंग कुमार पट्नायक का ओडिशा सिविल लिबर्टी फोरम द्वारा आयोजित एक सेमिनार में देश के गठन में स्वेछासेवी संगठनो की भूमिका विषय पर मुख्य अतिथि के रूप में योगदान कर जस्टिस पट्नायक ने कहा की जनता की सभी समस्याओं का समाधान सरकार द्वारा करना संभव नहीं है। ऐसे में स्वार्थ के बिना स्वयं सेवी संस्थाओ को समाज के विकास के लिए काम करना चाहिए। इस सेमिनार में ओडिशा उच्च न्यायालय के जस्टिस लक्ष्मीकान्त महापात्र ,वरिष्ट आइपीएस अधिकारी वी त्यागराजन ,उच्चतम न्यायालय के वरिष्ट अधिवक्ता उपमन्यु हजारिका, मेरुसागर सामंत राय, समाज सेवी अशोक भगत, राज्य सभा सासद धर्मेन्द्र प्रधान समेत प्रमुख लोगों ने कहा कि एनजीओ के कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा विकास कार्यों में बाधा पहुंचाने एवं सरकार को अपना मत देने के बदले आदेश देने का काम कर रहे है। इस फोरम के अध्यक्ष पूर्व पुलिस महा निर्देशक बनबिहारी पंडा ने इस सेमिनार की अध्यक्ष्यता की। राज कुमार खंडेल वाल ने स्वागत भाषण दिया एवं सुभेंदु कुमार परिड़ा ने सभा का संचालन किया। ओडिशा उच्च न्यायालय के अधिवक्ता प्रबीर कुमार पट्नायक ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
सिविल लिवर्टी फोरम की नई कार्य कारिणी गठित
भुवनेश्वर : ओडिशा सिविल लिबर्टी फोरम की नई कार्यकारिणी समिति का पुनर्गठन किया गया है। समिति के चेयरमैन के रूप में मेरुसागर सामंतराय, सभापती के रूप में डॉ. बन बिहारी पंडा, कार्यकारी सभापति के रूप में बीरेंन मोहन पट्नायक, सचिव के रूप में शुभेंदु कुमार परिड़ा, उप सभापति के रूप में प्रमोद पट्नायक, कोषाध्यक्ष के रूप में श्रीमती सुमन खंडेलवाल ,सह सचिव के रूप में जचिन्द्र महंती, रामेश्वर मिश्र, श्रीमंत कुमार सामंतराय, एवं राज्य संयोजक के रूप में कपिल खंडेलवाल को चुना गया है।
देश के कुछ एनजीओ कार्यकर्ता अपने आप को सर्वज्ञानी समझते हैं। ये लोग समझ रहे है की उनका कहना ही ठीक है बाकी सब गलत ऐसे एनजीओ कार्यकर्ताओं का मनोभाव हीं उन्हें ले डूबेगा। देशवासी इन्हें नकार देंगे यह कहना है देश के उच्चतम न्यायालय के न्यायधीश अनंग कुमार पट्नायक का ओडिशा सिविल लिबर्टी फोरम द्वारा आयोजित एक सेमिनार में देश के गठन में स्वेछासेवी संगठनो की भूमिका विषय पर मुख्य अतिथि के रूप में योगदान कर जस्टिस पट्नायक ने कहा की जनता की सभी समस्याओं का समाधान सरकार द्वारा करना संभव नहीं है। ऐसे में स्वार्थ के बिना स्वयं सेवी संस्थाओ को समाज के विकास के लिए काम करना चाहिए। इस सेमिनार में ओडिशा उच्च न्यायालय के जस्टिस लक्ष्मीकान्त महापात्र ,वरिष्ट आइपीएस अधिकारी वी त्यागराजन ,उच्चतम न्यायालय के वरिष्ट अधिवक्ता उपमन्यु हजारिका, मेरुसागर सामंत राय, समाज सेवी अशोक भगत, राज्य सभा सासद धर्मेन्द्र प्रधान समेत प्रमुख लोगों ने कहा कि एनजीओ के कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा विकास कार्यों में बाधा पहुंचाने एवं सरकार को अपना मत देने के बदले आदेश देने का काम कर रहे है। इस फोरम के अध्यक्ष पूर्व पुलिस महा निर्देशक बनबिहारी पंडा ने इस सेमिनार की अध्यक्ष्यता की। राज कुमार खंडेल वाल ने स्वागत भाषण दिया एवं सुभेंदु कुमार परिड़ा ने सभा का संचालन किया। ओडिशा उच्च न्यायालय के अधिवक्ता प्रबीर कुमार पट्नायक ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
रथयात्रा के लिए पुरी में रथों को सजाने संवारने का काम अंतिम चरण में
रथयात्रा के लिए पुरी में रथों को सजाने संवारने का काम अंतिम चरण में
रथयात्रा के लिए पुरी में रथों को सजाने संवारने का काम अंतिम चरण में पहूंच रहा है। उधर महाप्रभु जगन्नाथ के गुप्त सेवा के अंतर्गत घणालागी और राजप्रसाद बीजे नीति संपन्न हुई है। परंपरा के अंतर्गत द्वादशी तिथि को महाप्रभु के चंदन ,पाट डोर को रत्नथाल में सजाकर राजप्रसाद भेजा जाता है। पुरी के गजपति महाराजा दिव्यसिंह देव ने प्रभु प्रसाद लेकर आए सेवकों का स्वागत करते हुए उन्हे राज प्रासाद के अंदर ले गये। दिव्यसिंह देव ने इन सेवकों साड़ी बंधवाई और उनका सम्मान किया। रविवार त्रयोदशी के अवसर पर घणालागी नीति संपन्न हुई । श्री मंदिर के सूद सेवक दईतापतियों द्वार प्रस्तुत घणा को तीनों महाप्रभु को अर्पित किया गया।
गौरतलब है कि स्नानपूर्णिमा के बाद बिमार पड़े भगवान श्री जगन्नाथ, बलदेव तथा देवी सुभद्रा का ईलाज चलता है। यह सेवा दईतापतियों द्वारा संपन्न कि जाती है। इस दौरान भगवान के दर्शन नहीं किए जाते है और उनके स्थान पर पटी देवता के दर्शन होते हैं। पुरी से 38 किलोमिटर दूर ब्रह्मंागिरी में अलारनाथ में दर्शन की परंपरा चली आ रही है।
गौरतलब है कि स्नानपूर्णिमा के बाद बिमार पड़े भगवान श्री जगन्नाथ, बलदेव तथा देवी सुभद्रा का ईलाज चलता है। यह सेवा दईतापतियों द्वारा संपन्न कि जाती है। इस दौरान भगवान के दर्शन नहीं किए जाते है और उनके स्थान पर पटी देवता के दर्शन होते हैं। पुरी से 38 किलोमिटर दूर ब्रह्मंागिरी में अलारनाथ में दर्शन की परंपरा चली आ रही है।
गौ-चालान को लेकर दो समुदायों में हिंसक झड़प हुई
गौ-चालान को लेकर दो समुदायों में हिंसक झड़प हुई
सुंदरगढ़ पुलिस के तलसरा थाना अधीनस्थ वनडेगा पुलिस चौकी अंचल में गौ-चालान को लेकर दो समुदायों में हिंसक झड़प हुई। जिसमें गौ-चालान में संलिप्त कारोबारियों की ओर से इसका विरोध करने वाले लोगों के साथ पुलिस चौकी में घुसकर मारपीट करने की घटना से वहां तनाव बना हुआ है। इसकी सूचना मिलने से सुंदरगढ़ एसपी संजीव अरोरा ने पुलिस टीम तथा मजिस्ट्रेट के साथ वहां पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। इस घटना से दो समुदाय के लोगों में तनाव होने से वहां किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
वनडेगा अंचल में रहने वाले अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की ओर से यहां से अन्यत्र गौ-चालान किया जाता है। जिसमें हिन्दू संगठनों से जुड़े कुछ लोगों ने इसका विरोध किया था। इसकी रोकथाम करने को तलसरा थाना में प्राथमिकी भी दर्ज कराई जा चुकी है। लेकिन कोई कार्रवाई न होने से इन संगठनों से जुड़े कुछ लोग शनिवार के पूर्वाह्नं वनडेगा पुलिस चौकी में शिकायत करने पहुंचे थे। इसका पता चलने गौ-चालान से जुड़़े अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने वहां पहुंचकर विरोध करनेवाले लोगों की पिटाई कर दी। जिसमें लव रणा समेत पांच लोग घायल हो गए। इस घटना के बाद दोनों समुदायों के लोगों में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। इसकी सूचना मिलने से अपराह्नं के समय एसपी संजीव अरोरा ने पुलिस बल तथा मजिस्ट्रेट के साथ वहां पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। जिसमें स्थिति तनावपूर्ण किन्तु नियंत्रण में बताई जा रही है। यहां पर किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त पुलिस तैनात किया गया है।
वनडेगा अंचल में रहने वाले अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की ओर से यहां से अन्यत्र गौ-चालान किया जाता है। जिसमें हिन्दू संगठनों से जुड़े कुछ लोगों ने इसका विरोध किया था। इसकी रोकथाम करने को तलसरा थाना में प्राथमिकी भी दर्ज कराई जा चुकी है। लेकिन कोई कार्रवाई न होने से इन संगठनों से जुड़े कुछ लोग शनिवार के पूर्वाह्नं वनडेगा पुलिस चौकी में शिकायत करने पहुंचे थे। इसका पता चलने गौ-चालान से जुड़़े अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने वहां पहुंचकर विरोध करनेवाले लोगों की पिटाई कर दी। जिसमें लव रणा समेत पांच लोग घायल हो गए। इस घटना के बाद दोनों समुदायों के लोगों में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। इसकी सूचना मिलने से अपराह्नं के समय एसपी संजीव अरोरा ने पुलिस बल तथा मजिस्ट्रेट के साथ वहां पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। जिसमें स्थिति तनावपूर्ण किन्तु नियंत्रण में बताई जा रही है। यहां पर किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त पुलिस तैनात किया गया है।
Thursday, June 14, 2012
Durga Vahini played a vital roll in upliftment of women: Meera Agrawal
Durga Vahini played a vital roll in upliftment of women: Meera Agrawal
New Delhi. June 12, 2012. Women are the base of our culture. To make the country strong, all round development of women is very important for which Durga Vahini, the women wing of VHP, has played a vital roll, said North Delhi Mayor Mrs Meera Agrawal. Addressing the valedictory session of a week long training camp of Durga vahini in north Delhi today, the mayor also said that as I have personally attended such a camp in past, I know what exactly Durga Vahini is doing and how its work is so important to the society particularly in the national capital where crime against women are keep on raising in the past.
Detailing about the program, the state Media chief of VHP shri Vinod Bansal said that the Girls aged 15 to 35 performed Yoga Paranayam, Judo-Karate, and the different mode of self defence in the program organized in the Sanatan Dharm Saraswati Bal Mandir school in west Punjabi Bagh. During the camp, inmates were also awakened on defferent topics of their interest like First aid, Love Zihad, social avils, Teen aged problems & their solutions,, women & Law, ideal Hindu family, female fueticide, Satsang etc, he added.
Speaking on the occasion, on the need of such camps, the national head Matri Shakti shrimati Mala Rawal said that urga Vahini is aimed to keep girls free from any type of fear they may have in mind. This camp has got more importance due to the growing atrocities against women in the national capital of Delhi, even if the state is headed by a women CM and the nation is also run by a women, she added. The regional (north India) head of Durga Vahini Mrs Malti Sharma & the organizing secretary-VHP-North shri Kailash Chandra also addressed the inmates.
The camp under the guidance of shri Ashok Kumar, the state vice president-VHP was headed by state co-convenor of Durga vahiniMrs Sanjana Chaudhary & Ms. Kushum jointly under the guidance of state head of Marti Shakti Mrs Simmi Ahuja.
नारी उत्थान में दुर्गा वाहिनी का कार्य सराहनीय: मीरा अग्रवाल
नई दिल्ली। जून 12, 2012। नारी उत्थान के क्षेत्र में दुर्गा वाहिनी का कार्य सराहनीय है। उत्तरी दिल्ली की मेयर श्रीमती मीरा अग्रवाल ने आज दुर्गा वाहिनी दिल्ली के प्रशिक्षण शिविर के समापन अवसर पर बोलते हुए कहा कि दिल्ली जैसे महानगर में महिलाओं पर निरन्तर हो रहे चहुं तरफ़ा हमलों से निजात दिलाने, महिलाओं में आत्मरक्षा व स्वाभिमान के साथ संस्कारों का विकास करने में दुर्गा वाहिनी की भूमिका अनुकरणीय है। उन्होंने कहा कि मैंने स्वयं दुर्गा वाहिनी के वर्ग में पूरे समय रह कर इसके कार्य को गहराई से देखा और समझा है।
वर्ग की विस्तृत जानकारी देते हुए विहिप दिल्ली के मीडिया प्रमुख श्री विनोद बंसल ने बताया कि गत पांच जून से सप्ताह भर के इस वर्ग में 15 से 35 वर्ष के आयु वर्ग की लगभग 150 दुर्गाओं ने जहां योग, ध्यान, प्राणायाम, जूडो-कराटे, योग-चाप व दण्ड इत्यादि का प्रशिक्षण देकर आत्मरक्षा के गुण सिखाए गए वहीं आदर्श हिन्दू परिवार, महिलाएं व कानून, किशोरावस्था की समस्याएं व उनका समाधान, हिन्दू धर्म की वैज्ञानिकता, पाश्चात्य संस्कृति के दुष्परिणाम, लव जिहाद इत्यादि विषयों का गूढ ज्ञान भी दिया गया।
विहिप दिल्ली के उपाध्यक्ष व दुर्गा वाहिनी प्रभारी श्री अशोक कुमार के निर्देशन व मातृ शक्ति संयोजिका श्रीमती सिम्मी आहूजा के संरक्षण में सम्पन्न शिविर की मुख्य शिक्षिका दुर्गा वाहिनी की प्रान्त सह संयोजिका श्रीमती संजना चौधरी व सह मुख्य शिक्षिका कुमारी कुसुम रहीं।
उत्तरी दिल्ली के पश्चिमी पंजाबी बाग स्थित सनातन धर्म सरस्वती बाल मन्दिर विद्यालय में सम्पन्न समापन कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए मातृ शक्ति की अखिल भारतीय संयोजिका श्रीमती माला रावल ने कहा कि देश की राष्ट्रपति, केन्द्र सरकार की मुखिया (यू.पी.ए. अध्यक्षा) तथा दिल्ली की मुख्यमंत्री के महिला होते हुए भी दिल्ली में माताएं व बहिनें अपने आपको असुरक्षित महसूस करती हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि दुर्गावाहिनी का यह प्रयास अब दिल्ली की बहिनों को आत्मरक्ष
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