पेट्रोल पर सुलगी राजनीति
नई दिल्ली। पेट्रोल की कीमत में बुधवार मध्यरात्रि से हुई वृद्धि के खिलाफ लोगों का गुस्सा गुरुवार को सड़कों पर फूटा। इसके खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शन हुए। लोगों ने जगह-जगह सड़कों पर उतरकर अपने गुस्से का इजहार किया और केंद्र सरकार का पुतला भी फूंका। कीमतों में इजाफे के विरोध में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन [राजग] और वाम दलों ने 31 मई को भारत बंद का अलग-अलग आह्वान किया है।
छोटे-बड़े लगभग सभी शहरों में लोगों ने सड़कों पर उतरकर इस वृद्धि का विरोध किया। विरोधी दल ही नहीं केंद्र में कांग्रेस के सहयोगियों ने भी इसके खिलाफ रैली निकाली और मूल्य वृद्धि वापस लेने की मांग की।
कोलकाता में तो तृणमूल कांग्रेस ने रेल मंत्री मुकुल रॉय के नेतृत्व में एक विशाल जूलुस निकाला। रॉय की अगुवाई में इस विरोध रैली ने करीब पांच किलोमीटर की दूरी तय की।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की श्रमिक शाखा भारतीय ट्रेड यूनियन केंद्र [सीटू] ने कोलकाता और जिलाधिकारी कार्यालयों के बाहर विरोध-प्रदर्शन का आट्ठान किया।
मूल्य वृद्धि के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी [भाजपा] के कार्यकर्ताओं ने धर्मतल्ला इलाके में और हावड़ा ब्रिज पर सड़कों पर अवरोध खड़े किए।
मुंबई ही नहीं पूरे महाराष्ट्र में लोग सड़कों पर उतरे। राज्य के कई भागों में लोगों ने पुतले जलाए गए और सड़कों पर अवरोध खड़े किए गए। कांग्रेस की सहयोगी पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी [राकांपा] ने भी मूल्य-वृद्धि वापस लेने की मांग की है।
विरोध-प्रदर्शन के दौरान मुंबई, औरंगाबाद, अहमदनगर, सतारा एवं सांगली सहित अन्य जगहों पर वाहनों के टायर एवं पुतले जलाए गए और लोगों ने अपना विरोध जताने के लिए सड़कों पर यातायात बाधित किया।
राकांपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष मधुकर पिचाड़ ने कहा कि पेट्रोल के दाम में हुई यह वृद्धि बहुत ज्यादा है। इसे वापस लिया जाना चाहिए।
महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस समिति की सांस्कृतिक इकाई के उपाध्यक्ष गुरु एस. नायर ने पेट्रोल मूल्य वृद्धि पर निराशा जताते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखा।
उत्तर प्रदेश में राजधानी लखनऊ सहित अन्य क्षेत्रों में भी लोगों ने सड़कों पर प्रदर्शन किया। उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल के बैनर तले व्यापारियों ने लखनऊ के लालबाग इलाके में मूल्य वृद्धि के खिलाफ रैली निकाली। उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का पुतला भी जलाया। लखनऊ की तरह दूसरे शहरों में भी व्यापारियों ने सड़कों पर उतरकर अपना गुस्सा जाहिर किया।
प्रदर्शन के दौरान पुतला जलाने के क्रम में उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में भारतीय जनता पार्टी की एक नेता झुलस गई। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।
केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट [एलडीएफ] और भाजपा के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। कोल्लम में प्रदर्शनकारियों ने एक सरकारी बस में आग लगा दी। सड़कों पर सार्वजनिक वाहन बहुत कम देखे गए, जिसका असर सरकारी एवं निजी दफ्तरों में कर्मचारियों की उपस्थिति पर भी पड़ा।
कोच्चि और इदुक्की में दुकानें बंद रहीं। रबड़ और चाय बगानों के कर्मचारी भी विरोधस्वरूप काम पर नहीं गए। इस बीच, मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की अध्यक्ष सोनिया गांधी और पेट्रोलियम मंत्री जयपाल रेड्डी को पत्र लिखकर मूल्य वृद्धि वापस लेने की मांग की।
जम्मू एवं कश्मीर में भी लोगों ने पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि का विरोध किया। नाराज प्रदर्शनकारियों ने कहा कि इससे राज्य में बाजार तथा अन्य क्षेत्रों की सेवाओं पर असर होगा। राज्य में ऑटो रिक्शा चालकों में भी इससे बेहद नाराजगी है।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी मूल्य वृद्धि पर असंतोष जताया। उमर ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर लिखा कि पेट्रोल पम्प कर्मचारी : साहब कितने का डालूं? ग्राहक : दो-चार रुपये का कार के ऊपर छिड़क दे भाई आग लगानी है।
ओडिशा में भाजपा की युवा शाखा की प्रदेश इकाई ने मोटरसाइकिल रैली निकाली और विभिन्न पेट्रोल पम्प के सामने प्रदर्शन किया।
सत्तारूढ़ बीजू जनता दल ने मूल्य वृद्धि तुरंत वापस लेने की मांग की। बीजद की युवा शाखा के कार्यकर्ताओं ने इसके विरोध में राजभवन के समक्ष प्रदर्शन किया।
वामपंथी दलों ने पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि की घोषणा को आम आदमी पर 'बर्बर हमला' बताया है। इन दलों ने 31 मई को इसके खिलाफ प्रदर्शन करने की भी घोषणा की है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी , भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी , रेवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी और फॉरवर्ड ब्लॉक ने एक बयान जारी कर कहा, 'हम पेट्रोल की कीमत में 7.54 रुपये तक की वृद्धि की आलोचना करते हैं। यह आम लोगों पर बर्बर हमला है, जो पहले से ही आवश्यक वस्तुओं की कीमत में वृद्धि से परेशान हैं।'
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने यहां चल रही पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान 31 मई को भारत बंद के आह्वान की घोषणा की।
पेट्रोल के मूल्य में वृद्धि और बढ़ती महंगाई के खिलाफ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने 31 मई को राष्ट्रव्यापी बंद का आह्वान किया है। वहीं पेट्रोल कीमतों में वृद्धि के खिलाफ केरल में एलडीएफ और भाजपा ने गुरुवार को बंद का ऐलान किया है। इसका राज्य में व्यापक असर देखने को मिला। वहीं लखनऊ में भी पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि को लेकर लोग सड़कों पर उतर आए।
राजग के समन्वयक और जद यू अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि विपक्षी गठबंधन के सभी सहयोगियों से इस संबंध में विचार-विमर्श किया गया है। इसके लिए गठबंधन अपने अन्य सहयोगियों से भी वार्ता करेगा।
यादव ने सरकार के इस तर्क को खारिज कर दिया कि पेट्रोल के मूल्यों में बढ़ोतरी पेट्रोलियम कंपनियों द्वारा की गई है क्योंकि पेट्रोल के दाम को नियंत्रण मुक्त कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह छलावा है। इसके खिलाफ हम 31 मई को भारत बंद करने जा रहे हैं।
उन्होंने पूछा कि जब संसद का सत्र चल रहा था तब पेट्रोल के मूल्यों में बढ़ोतरी की घोषणा क्यों नहीं की गई। सत्र खत्म होने के अगले ही दिन तेल कंपनियों ने ऐसा क्यों किया। यादव ने कहा कि मूल्य वृद्धि के निर्णय से सरकार ने पल्ला झाड़ लिया है। लेकिन वास्तव में ऐसा तभी होता है जब सरकार चाहती है। उन्होंने कहा कि सरकार राष्ट्रपति चुनावों के बाद डीजल और एलपीजी के दामों को भी बढ़ाएगी।
जद यू प्रमुख ने आवश्यक पदार्थो की कीमतों में बढ़ोतरी रोकने में सरकार पर पूरी तरह विफल रहने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आम आदमी संप्रग सरकार की गलत नीतियों से पीड़ित है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सरकार अमीर समर्थक है और गरीबों की उसे परवाह नहीं।
सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने बुधवार को पेट्रोल के मूल्यों में 7.50 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की थी। वहीं पेट्रोल के मूल्यों में बढ़ोतरी के खिलाफ केरल में एलडीएफ और भाजपा द्वारा अलग-अलग बुलाई गई सुबह से शाम तक की हड़ताल से राज्य में सामान्य जनजीवन प्रभावित रहा।
विभिन्न जिलों से प्राप्त सूचना के मुताबिक शहरों में दुकानें बंद रहीं और निजी बसें सड़कों पर नहीं उतरीं। पुलिस ने दावा किया कि निजी वाहन चल रहे हैं और कहीं से भी किसी तरह की हिंसा की सूचना नहीं है।
वाम समर्थक ट्रांसपोर्ट संगठनों ने बंद का समर्थन किया है। हड़ताल से आपातकालीन सेवाएं, स्वास्थ्य, दूध आपूर्ति और मीडिया को अलग रखा गया है।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी पेट्रोल की बढ़ी कीमतों के विरोध में लोगों ने सड़कों पर आकर विरोध प्रदर्शन किया। बुधवार मध्यरात्रि से हुई वृद्धि के खिलाफ गुरुवार को राजधानी लखनऊ सहित पूरे उत्तर प्रदेश में लोगों ने सड़कों पर प्रदर्शन किया।
उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल के बैनर तले व्यापारियों ने लखनऊ के लालबाग इलाके में मूल्य वृद्धि के खिलाफ रैली निकाली। उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का पुतला भी जलाया। लखनऊ की तरह दूसरे शहरों में भी व्यापारियों ने सड़कों पर उतरकर अपना गुस्सा जाहिर किया।
उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजय गुप्ता ने कहा कि पेट्रोल की कीमत में करीब 7.50 रुपये की वृद्धि से महंगाई और बढ़ेगी, जिससे आम आदमी का जीना दूभर हो जाएगा। उन्होंने मांग की है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार बढ़ी कीमतें तत्काल वापस ले।
भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भी लखनऊ, गोरखपुर, कानपुर सहित कुछ शहरों में पेट्रोल मूल्यवृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन किया।
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