Monday, June 25, 2012

धंस रहे बांध, कटक के 200 गांव खतरे में


धंस रहे बांध, कटक के 200 गांव खतरे में

Updated on: Mon, 25 Jun 2012 02:04 PM (IST)
धंस रहे बांध, कटक के 200 गांव खतरे में
जागरण संवाददाता, कटक :
बीते कुछ दिनों से ओडिशा में रुक-रुक कर लगातार हो रही बारिश से महानदी व काठजोड़ी नदी का पानी रोकने को बने कई बांध धंस रहे हैं। इससे कटक जिले के 200 गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। विडंबना यह कि जिन बांधों की मरम्मत भी की गई, वहां काम काफी घटिया रहा। इसकी वजह से खतरे की आशंका बरकरार है। दूसरी ओर, कटक शहर को सुरक्षित रखने के लिए बनाए गए रिंग बांध की भी हालत खस्ता है। यह भी कई जगह धंस गया है। अब तक इन बांधों की मरम्मत की ओर ध्यान नहीं दिया गया है। बीते साल की तरह यदि इस वर्ष भी महानदी में बाढ़ आई तो आसपास के सैकड़ों गांवों के लोगों की मुसीबत बढ़ सकती है।
कटक जिले के आठगढ़ ब्लॉक की कखड़ी, मंचेश्वर व धुरुषिया पंचायत में तकरीबन सात जगह पर खाई बन गई है, जिसकी अभी तक मरम्मत नहीं की गई है। इससे इन पंचायतों में रहने वाले तकरीबन 15 हजार से अधिक लोग बाढ़ की आशंका से सहमे हुए हैं। इसी तरह बांकी में भी कई जगह पर बांध कमजोर हो गए हैं। सांपुर, कुरुमचइनी, बैदेश्वर, करबर, सुनादेई, चकापाद गांव को लेकर भी खतरे की घंटी बजने लगी है।
गौरतलब है कि डमपड़ा के जातमुडिंया, शिमिलीपुर, बिलपरा एवं पारपुर इलाके के लोग हर साल बाढ़ झेलने को मजबूर होते हैं। इनका दुर्भाग्य ही माना जाएगा जो इन इलाकों को बाढ़ से सुरक्षित करने लिए अभी तक किसी प्रकार की व्यवस्था नहींकी गई है। महानदी एवं इसकी सहायक काठजोड़ी के त्रिकोण में कटक शहर घिरा हुआ है। शहर को इन दो नदियों में आने वाली बाढ़ से बचाने के लिए रिंग बांध का निर्माण किया गया है। मगर इसकी भी मरम्मत नहीं होने से यह कई जगह पर कमजोर हो गया है। वर्ष 2008 में आई बाढ़ के दौरान समीक्षा कर जल सिंचाई विभाग ने सरकार को इस रिंग बांध की मरम्मत करने की अपनी रिपोर्ट में अनुशंसा की थी। सरकार ने मरम्मत कार्य जल्द शुरू करने के लिए 24 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट भी बनाया था। इसका ब्लू प्रिंट भी तैयार किया गया था। मगर यह सभी योजना केवल कागज पर ही रह गई। वर्ष 2007 में भी रिंग बांध मरम्मत के लिए 56 लाख रुपये का प्रोजेक्ट बनाया गया था। यही नहीं, बीड़ानाशी इलाके में कार्य भी शुरू किया गया था। अब यह बात दूसरी है कि वह भी आज भी अधूरा पड़ा है। महानदी से गतिराउतपाटना तक तकरीबन 6 किलीमीटर की दूरी तक बांध कमजोर हो गया है। जिला प्रशासन की तरफ 10 जून तक कमजोर बांधों को मरम्मत करने के लिए निर्देश दिया गया है। हालांकि जिस गति से काम हो रहा, उसे देखकर नहींलगता है कि निर्धारित समय में पूरा हो पाएगा। इस बारे में साउथ डिवीजन के इंजीनियर सुब्रत दास से पूछने पर उन्होंने बताया है कि बांध की मरम्मत का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। अधिकारी संभावित बाढ़ वाले इलाकों में बांध का मुआयना कर रहे हैं। जहां भी नदी बांध कमजोर दिख रहा है, उसकी तुरंत मरम्मत कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि जहां से भी निम्न स्तर का काम होने की शिकायत मिल रही है, उसकी जांच की जाएगी।

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