Monday, June 25, 2012

हेरा पंचमी के मौके पर इस नीति को देखने के लिए लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ जमा थी।


 पुरी : vsk
हेरापंचमी के अवसर पर सोमवार को महालक्ष्मी ने पालकी में श्रीगुंडिचा मंदिर आकर महाप्रभु पर अपना गुस्सा उतारा। पत्नी को साथ न लाकर महाप्रभु जगन्नाथ द्वारा बहन सुभद्रा के साथ रथ यात्रा में जन्म वेदी को निकलने से गुस्से में आई देवी महालक्ष्मी ने नंदी घोष रथ को तोड़कर श्रीमंदिर लौट गई।
परंपरा अनुसार शाम के समय मां लक्ष्मी पालकी में श्रीमंदिर से निकलकर श्रीगुण्डिचा मंदिर पहुंचीं। नंदीघोष रथ के नीचे पति महापात्र सेवायत, महालक्ष्मी की पूर्जा अर्चना किए थे। उसके बाद मां लक्ष्मी नंदीघोष रथ को तोड़ने के लिए एक लकड़ी निकाल दी और सीधे लौटकर हेरागोहिरी साही होते हुए श्रीमंदिर को लौट आई। इसे हेरा पंचमी नीति कहा जाता है।
हेरा पंचमी के मौके पर इस नीति को देखने के लिए लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ जमा थी। पुलिस प्रशासन की तरफ शांति श्रृंखला बनाए रखने के लिए सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई थी। महालक्ष्मी के साथ साथ श्रीमंदिर पुलिस मौजूद थे। सिंहारी सेवायतों ने महालक्ष्मी को पालकी में बैठाकर लाए और विमानबड़ु सेवायतों ने पालकी उठाए थे। हेरापंचमी नीति के दौरान श्रीक्षेत्र में लोगों की काफी भीड़ जमी है। इस नीति को देखने के साथ लाखों श्रद्धालु गुण्डिचा मंदिर जाकर महाप्रभु का दर्शन किए हैं। श्री गुण्डिचा मंदिर के सामने आज सुबह से महाप्रभु के दर्शन के लिए लोगों की लम्बी कतार लगी हुई थी। दो कतार में भक्तों को श्रीगुण्डिचा मंदिर के अन्दर छोड़ा गया। रविवार से आड़प मण्डप से पहला अन्न महाप्रसाद भोग मिल रहा है। काफी दिनों बाद भक्तों ने महाप्रभु के आड़प मण्डप के रसोईशाला से निकले महाप्रसाद भोग सेवन कर अपना को धन्य महसूस कर रहे हैं।

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